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समाचार

ओडिसा में समेकित सी-डॉट सीएपी पूर्व चेतावनी प्लैटफार्म का सफल परीक्षण
ओडिसा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वालों को एक साथ अपनी पूर्व चेतावनी प्रसार प्रणाली परियोजना के अन्तर्गत आपदा अलर्ट एसएमएस भेजने का परीक्षण किया है। ऐसे एसएमएस भेजने के लिये बीएसएनएल, एअरटेल, वोडाफोन और रिलायंस जिओ समेत प्रमुख दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की सेवायें ली गयी थीं। दूरसंचार विभाग और सेंटर फॉर डिवल्प्मन्ट ऑफ टेलिमेट्क्स- सी-डॉट ने एक कॉमन अलर्ट प्रोटोकल(सीएपी) सलूशन विकसित किया है जिसके माध्यम से एक चयनित भौगोलिक क्षेत्र में सभी मोबाइल धारकों के पास और रोमिंग वाले मोबाइल पर एक साथ जनता को आपदा प्रबंधन संदेश-एसएमएस भेजे जा सकते हैं। सीएपी का प्रायोगिक परीक्षण इससे पहले विभिन्न राज्यों में किया गया था । ओडिसा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण –ओएसडीएमए के अनुसार पूर्व चेतावनी प्रसार प्रणाली 6 जिलों में काम कर रही है।
20-12-2018

टेक्नालजी (प्रोद्योगिकी) का व्यापार वर्ष 2026 तक 2 लाख करोड़ रु से अधिक हो जायेगा
सी-डॉट के निदेशक, श्री एम सुंदर कुमार ने बताया कि 5 जी टेक्नालजी का प्रसार विश्वभर में होने वाला है और 5 जी टेक्नालजी का व्यापार वर्ष 2026 तक 2 लाख करोड़ रु से अधिक हो जायेगा। विज्ञान विश्वविद्यालय में 5 जी संचार, अनुप्रयोग और प्रौद्योगिकियों पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन – आईसी5जीसीएटी 18 को संबोधित करते हुये श्री सुंदर कुमार ने कहा कि 5 जी टेक्नालजी पर किये जा रहे सघन अनुसंधान के परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 5 जी भविष्य की टेक्नालजी होगी । इस सम्मेलन में 40 देशों से 100 से अधिक विशेषज्ञों तथा प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
07-12-2018

भारतनेट के लिए केवल 'मेड इन इंडिया' यानी स्वदेशी उपकरण: सरकार
सरकार ने रविवार को कहा कि भारत में दूरसंचार क्रांति के बाद, भारतनेट परियोजना भारतीय ग्रामीण परिस्थितियों के अनुरूप मजबूत स्वदेशी उपकरणों का सबसे बड़ा उपभोक्ता होगी। श्रीमती अरुणा सुंदरराजन, सचिव, दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने पत्रकारों को बताया कि पूरी तरह से भारत में बने फाइबर और गिगाबिट-कैपेबल पेसिव ऑप्टिकल नेटवर्क (जीपॉन) उपकरण, दोनों सी-डॉट (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ टेलीमैटिक्स) के पास हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि उपकरण पूरी तरह से स्वदेशी है और इसे अनुकूलित किया गया है ताकि यह ग्रामीण वातावरण में काम कर सके, जहां बिजली की समस्या है और धूल भी एक बड़ा मसला है।
12-11-2018

सी-डॉट का बैम्बू वाई-फाई प्रौद्योगिकी और प्रकृति के संयोजन का एक नवाचार है
सी-डॉट ने बांस के तने के अंदर घर के लिए छोटे फॉर्म फैक्टर में IEEE 802.11 b / g / n का समर्थन करने वाले मुख्य वाई-फाई सिस्टम को डिजाइन और विकसित किया है और हॉटस्पॉट उद्देश्य के लिए उपयुक्त बड़ी कवरेज रेंज के लिए बाहरी एंटीना कनेक्शन का प्रावधान किया है। बांस सदाबहार बारहमासी फूलों के पौधे हैं और दक्षिण एशिया विशेष रूप से भारत में बहुतायत में उपलब्ध हैं। बांस में, अन्य घासों की तरह, तने के आंतरिक क्षेत्र आमतौर पर खोखले होते हैं।
05-11-2018

परिवर्तन की अग्रिम पंक्ति में
सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक श्री विपिन त्यागी ने टेली डॉट नेट पत्रिका में प्रकाशित अपने नवीनतम साक्षात्कार में भारत में दूरसंचार की वर्तमान स्थिति और सी-डॉट जैसे अनुसन्धान और विकास संगठन के लिए युगांतरकारी घटनाओं या "टेक्टोनिक शिफ्ट" के बारे में बातचीत की है। उन्होंने बताया है कि वह शोध और बौद्धिक संपदा निर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हुए किस प्रकार भारत को दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास में सभी बदलावों की अग्रिम पंक्ति पर देखने को उत्सुक हैं, क्योंकि अंततः इसी के माध्यम से भारत को विश्व स्तरीय दूरसंचार उत्पाद तैयार करने में मदद मिल सकती है। अंत में, उन्होंने "खादी इलेक्ट्रॉनिक्स" की एक दिलचस्प अवधारणा की चर्चा की है जो भारतीय उत्पादों के बारे में लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने से शुरू हुआ और भारतीय अनुसन्धान और विकास ही नहीं, विनिर्माण क्षेत्र के लिए भी बाज़ी पलट दी।