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सेंटर फॉर डेवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स

भारत सरकार का दूरसंचार प्रौद्योगिकी केंद्र

 समाचार

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सी-डॉट ने एंड-टू-एंड 5जी रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आरएएन) उत्पादों और समाधानों के सहयोगात्मक विकास के लिए गैलोर नेटवर्क्स के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए

टेलीमेटिक्स विकास केंद्र (सी-डॉट) स्थानीय उद्योग और स्टार्ट-अप सहित स्वदेशी 5जी पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न हितधारकों के साथ मजबूत साझेदारी बनाने के लिए उत्सुक है। सी-डॉट ने एक अच्छी तरह से समन्वित सहयोगी ढांचा विकसित करने पर बहुत जोर दिया है जो आउटपुट-संचालित और लक्ष्य-उन्मुख वातावरण में प्रमुख 5जी खिलाड़ियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए कई 5जी भागीदारों का समर्थन करता है। 5जी के स्वदेशी विकास को बढ़ावा देने के अपने प्रयास को आगे बढ़ाते हुए, सी-डॉट और गैलोर नेटवर्क्स ने एंड-टू-एंड 5जी आरएएन उत्पादों और समाधानों के सहयोगी विकास के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। कई पारिस्थितिकी तंत्र भागीदारों के बीच तालमेल और सामंजस्य प्राप्त करने पर आधारित यह सहयोगी दृष्टिकोण पारस्परिक रूप से उत्पादक और टिकाऊ गठबंधनों के विकास की सुविधा प्रदान करेगा। यह एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा जिसके परिणामस्वरूप लागत प्रभावी 5जी उत्पादों और समाधानों का स्वदेशी डिजाइन, विकास, विनिर्माण और तैनाती होगी। इससे भारतीय अनुसंधान एवं विकास तथा उद्योग की तकनीकी दक्षताएं और पूरक शक्तियां एक एकीकृत मंच पर आ जाएंगी, जिससे स्वदेशी बौद्धिक संपदा (आईपी) परिसंपत्तियों का सृजन होगा, जो वैश्विक स्तर पर घरेलू प्रौद्योगिकियों की व्यापक पहुंच और व्यावसायीकरण के लिए नए रास्ते खोल सकती हैं।

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केन्द्रीय मंत्रिमण्‍डल ने पैलेस डेस नेशन्स, जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में उपयोग किए जाने वाले 'वे फाइंडिंग एप्लीकेशन' के संबंध में भारत और संयुक्त राष्ट्र के बीच एक समझौते को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमण्‍डल ने पैलेस डेस नेशन्स, जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओजी) में उपयोग किए जाने वाले 'वे फाइंडिंग एप्लीकेशन' के संबंध में भारत सरकार और संयुक्‍त राष्‍ट्र के बीच एक समझौते पर हस्‍ताक्षर करने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है। इन इमारतों की जटिल संरचना और लोगों की भारी भागीदारी को ध्यान में रखते हुए, एक ऐसे दिशा सूचक एप्लीकेशन की जरूरत महसूस की गई जो आगंतुकों और अन्य प्रतिनिधियों को सभी सुरक्षा दृष्टिकोणों का पालन करते हुए परिसर के अंदर अपना रास्ता खोजने में मदद कर सके। इस परियोजना में यूएनएलजी के पैलेस डेस नेशन्स परिसर में दिशा सूचक सुविधा के लिए एक सॉफ्टवेयर-आधारित ‘वे फाइंडिंग एप्लीकेशन’ का विकास, उसकी तैनाती और उसका रखरखाव शामिल है। यह एप्लिकेशन यूएनओजी की पांच इमारतों में फैली 21 मंजिलों के भीतर उपयोगकर्ताओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक अपना रास्ता खोजने में समर्थ बनाएगा। यह ऐप इंटरनेट कनेक्शन से लैस एंड्रॉइड और आईओएस उपकरण में काम करेगा। इस ऐप के विकास का काम भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) के एक स्वायत्त दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) को सौंपा गया है।

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सी-डॉट ने मिलकर 5जी ओपन रैन और अन्य उत्पादों के विकास के लिए वीवीडीएन टेक्नोलॉजिस प्रा. लि. और वाईसिग नेटवर्क्स प्रा. लि. के साथ समझौता किया

सी-डॉट दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार का एक प्रतिष्ठित आरएंडडी केंद्र है। सी-डॉट ने 4जी समाधान सहित विभिन्न अत्याधुनिक दूरसंचार प्रौद्योगिकियां देश में ही तैयार की है और वह 5जी में काम करने के लिए काफी उत्सुक है। वाईसिग नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड ने 5जी मोबाइल कम्युनिकेशन उत्पादों और समाधानों सहित विभिन्न संचार समाधानों के विकास, विपणन और पेशकश के व्यवसाय से जुड़ा भावी स्टार्टअप है। वीवीडीएन टेक्नोलॉजिस प्राइवेट लिमिटेड 5जी, नेटवर्किंग एवं वाई-फाई, आईओटी और क्लाउड स्टोरेज सर्विसेज सहित विभिन्न प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में कार्यरत एक अग्रणी प्रोडक्ट इंजीनियरिंग और विनिर्माण कंपनी है। इस सहयोग का उद्देश्य 5जी उत्पादों और समाधानों का किफायती स्वदेशी डिजाइन, विकास, विनिर्माण और लागू करने के लिए एकजुट होकर भारतीय आरएंडडी और उद्योग की तकनीक दक्षताओं और पूरक क्षमताओं का दोहन करना है। इस जुड़ाव से स्वदेशी बौद्धिक संपदा को बढ़ाएगा और घरेलू 5जी उत्पादों और सॉल्यूशंस की व्यापक स्वीकार्यता और मुद्रीकरण के लिए नए रास्ते तैयार होंगे।

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सी-डॉट दूरसंचार के विभिन्न क्षेत्रों में अपने आईपी उपलब्धि हासिल करने वालों को सम्मानित करने के लिए वार्षिक बौद्धिक संपदा (आईपी) पुरस्कार समारोह का आयोजन करता है।

भारत सरकार के संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग के प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डीओटी) ने दूरसंचार के विभिन्न क्षेत्रों में अपने आईपी उपलब्धि हासिल करने वालों को सम्मानित करने के लिए वार्षिक बौद्धिक संपदा (आईपी) पुरस्कार समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री निज़ामुल हक, सदस्य (सेवा), डिजिटल संचार आयोग, दूरसंचार विभाग, भारत सरकार की गरिमामयी उपस्थिति रही। सी-डॉट में प्रतिवर्ष बौद्धिक संपदा (आईपी) पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं जिनका उद्देश्य आविष्कारकों और योगदानकर्ताओं को पहचानना और पुरस्कृत करना है। इस वर्ष वाई-फाई, 4जी/5जी, प्रसारण, नेटवर्क प्रबंधन, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में आईपी का योगदान देखा गया। शोधकर्ताओं को पेटेंट (भारतीय/विदेशी), ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, डिजाइन पंजीकरण और विभिन्न सम्मेलनों और पत्रिकाओं में पत्रों के प्रकाशन में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कुल 43 अन्वेषकों को उनकी सराहनीय उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। पेटेंट, कॉपीराइट और डिज़ाइन एवं शोध पत्रों के क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए पुरस्कार वितरित किए गए।

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सी-डॉट और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने आईओटी/एम2एम के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार के प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केन्‍द्र टेलीमैटिक्स विकास केन्‍द्र (सी-डॉट), और भारत के प्रमुख दूरसंचार ऑपरेटरों में से एक, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने 17 मई, 2022 को "विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस (डब्‍ल्‍यूटीआईएसडी)" के अवसर पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से दोनों संगठनों को भारत में आईओटी / एम2एम उपयोग विकसित और तैनात करने के लिए अपने-अपने डोमेन में एक-दूसरे की विशेषज्ञता का लाभ उठाने में मदद मिलेगी। आईओटी को अपनाना किसी भी संगठन की डिजिटल परिवर्तन यात्रा के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। हालांकि, वर्तमान तैनाती में, कुछ परिचालन चुनौतियां जैसे डिवाइस नेटवर्क संगतता, ओवर द एयर फर्मवेयर अपग्रेड, रिमोट डिवाइस कॉन्फ़िगरेशन, सुरक्षा कमजोरियां और मालिकाना प्रोटोकॉल के साथ साइलो में कार्यान्वयन व्यवसायों को आईओटी के बड़े पैमाने पर लाभ प्राप्त करने से रोक रहे हैं। आईओटी कार्यान्वयन में इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, सी-डॉट और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड दोनों ने सहयोग करने और किसी एक संगठन तक सीमित नहीं होने के आधार पर संयुक्त रूप से काम करने पर सहमति व्यक्त की है, ताकि वनएम2एम विनिर्देशों के खिलाफ विभिन्न समाधान प्रदाताओं के उपायों और उपकरणों का मूल्यांकन किया जा सके और संयुक्त प्रमाण पत्र प्रदान किया जा सके।